
आज, 1 फरवरी 2025 को, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वार्षिक बजट 2025-26 प्रस्तुत किया। इस बजट का मुख्य उद्देश्य मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाना, समावेशी विकास को प्रोत्साहित करना और निजी निवेश को बढ़ावा देना है। बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के कल्याण के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।
मध्यम वर्ग के लिए कर राहत:
मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए आयकर में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जो पहले 7 लाख रुपये तक था। इसके अतिरिक्त, नई कर संरचना के तहत 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर अधिकतम 30% कर दर लागू होगी। इन परिवर्तनों से मध्यम वर्ग के लोगों के हाथ में अधिक धन रहेगा, जिससे उपभोग, बचत और निवेश में वृद्धि की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नया आयकर स्लैब (नई कर व्यवस्था)
सरकार ने इस बार नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में बदलाव किया है। अब 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त होगी। निम्नलिखित टैक्स स्लैब लागू किए गए हैं:

पुरानी कर व्यवस्था (विकल्प के रूप में उपलब्ध)
जो लोग पुरानी कर व्यवस्था को चुनना चाहते हैं, उनके लिए छूटें (जैसे धारा 80C, 80D, HRA आदि) उपलब्ध रहेंगी
- ध्यान दें: नई कर व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए इसे डिफॉल्ट बनाया गया है, लेकिन करदाताओं को पुरानी कर व्यवस्था चुनने की अनुमति दी गई है।
- वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) और सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) के लिए छूट की सीमा अलग हो सकती है।
यह बजट मध्यम वर्ग को राहत देने और उपभोग क्षमता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
वस्तुएं जो सस्ती हुई हैं –
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 2025-26 के बजट में कई वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी की घोषणा की गई है। प्रमुख सस्ती होने वाली वस्तुएं निम्नलिखित हैं:
1. पेट्रोल और डीजल: सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) में क्रमशः ₹2 और ₹1.50 प्रति लीटर की कटौती की है, जिससे इन ईंधनों की कीमतों में कमी आएगी।
2. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कुछ घटकों पर आयात शुल्क में कमी की गई है, जिससे इन उत्पादों की कीमतों में गिरावट की उम्मीद है।
3. कपड़ा और परिधान: टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कुछ कच्चे माल पर सीमा शुल्क में कटौती की है, जिससे कपड़ों की कीमतों में कमी आ सकती है।
4. घरेलू गैस (एलपीजी): घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी सिलेंडर की कीमत में ₹50 की कमी की गई है, जिससे रसोई गैस अब सस्ती होगी।
5. दवाइयाँ: कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की कुछ आवश्यक दवाओं पर सीमा शुल्क हटाया गया है, जिससे इन दवाओं की कीमतों में कमी आएगी।
इन उपायों का उद्देश्य आम जनता को महंगाई से राहत प्रदान करना और विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहित करना है।
वस्तुएं जो महँगी हुई हैं –
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत 2025-26 के बजट में कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर करों में वृद्धि की गई है, जिससे उनकी कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। प्रमुख महंगी होने वाली वस्तुएं निम्नलिखित हैं:
1. सोना और चांदी: सरकार ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 2% की वृद्धि की है, जिससे इनकी कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है।
2. तंबाकू उत्पाद: स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, तंबाकू और उससे बने उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में 10% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे सिगरेट, बीड़ी और अन्य तंबाकू उत्पाद महंगे हो जाएंगे।
3. आयातित खिलौने: घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए, आयातित खिलौनों पर सीमा शुल्क में 5% की वृद्धि की गई है, जिससे विदेशी खिलौनों की कीमतों में इजाफा होगा।
4. विदेशी इलेक्ट्रॉनिक सामान: कुछ उच्च-प्रौद्योगिकी वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे प्रीमियम लैपटॉप और स्मार्टफोन्स, पर आयात शुल्क में 3% की बढ़ोतरी की गई है, जिससे इनकी कीमतें बढ़ सकती हैं।
5. शराब: शराब पर उत्पाद शुल्क में 5% की वृद्धि की गई है, जिससे विभिन्न प्रकार की शराब की कीमतों में वृद्धि होगी।
इन कर बढ़ोतरी का उद्देश्य राजस्व संग्रह बढ़ाना और घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहित करना है।
कृषि क्षेत्र में सुधार:
कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार ने छह वर्षीय मिशन की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य दालों और कपास के उत्पादन में वृद्धि करना है। इसके तहत किसानों के लिए सब्सिडी वाले ऋण की सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले दो वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा, और उनके उत्पादों के लिए प्रमाणन और ब्रांडिंग कार्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
एमएसएमई और विनिर्माण को बढ़ावा:
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए ऋण गारंटी योजनाओं और दीर्घकालिक ऋण की सुविधा प्रदान की गई है, जिससे वे अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा सकें। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी सहायता पैकेज के माध्यम से एमएसएमई को नवीनतम तकनीकों से लैस करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे उनकी दक्षता और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी।
बुनियादी ढांचा विकास:
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय को 11.21 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। इससे सड़कों, रेल, हवाई अड्डों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश बढ़ेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
राजकोषीय घाटा और उधारी:
सरकार ने 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% रखने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष के 4.8% से कम है। इस घाटे को पूरा करने के लिए 14.82 लाख करोड़ रुपये की उधारी का प्रस्ताव है।
अन्य प्रमुख घोषणाएं:
- बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की गई है, जिससे इस क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।
- स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड की स्थापना की जाएगी, जिससे नए उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों को हवाई संपर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
कुल मिलाYकर, यह बजट मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति बढ़ाने, कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों को सशक्त करने, और समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सरकार का लक्ष्य है कि इन नीतियों के माध्यम से आर्थिक विकास को गति दी जाए और सभी वर्गों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो।
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