
प्यारे विद्यार्थियो,
आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कक्षा 10 की हिंदी की पाठ्यपुस्तक क्षितिज भाग 2 से काव्यखण्ड के अंतर्गत आने वाले 7 अध्यायों से 10-10 अतिलघुउत्तरीय प्रश्न और उत्तर जो कि आपकी आगामी परिषदीय परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इन सभी प्रश्नों के माध्यम से आप अपना revision कर सकते हैं और अपनी अभी तक कि पढ़ाई का आकलन भी कर सकते हैं।
इस श्रृंखला को अपने सभी साथी सहपाठियों के साथ भी जरूर शेयर करें। सभी विषय के महत्वपूर्ण प्रश्नों के लिए हमारी इस वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करें।
अध्याय 1: पद (सूरदास)
1. प्रश्न: सूरदास के पदों में किसकी भक्ति का वर्णन है?
उत्तर: श्रीकृष्ण की भक्ति का।
2. प्रश्न: \’मधुबन\’ किस स्थान को संदर्भित करता है?
उत्तर: वृंदावन को।
3. प्रश्न: \’ब्रज\’ किस क्षेत्र का नाम है?
उत्तर: मथुरा और उसके आसपास का क्षेत्र।
4. प्रश्न: सूरदास किस भाषा में रचना करते थे?
उत्तर: अवधी और ब्रज भाषा में।
5. प्रश्न: \’सूरदास\’ किस भक्ति आंदोलन से जुड़े थे?
उत्तर: सगुण भक्ति आंदोलन से।
6. प्रश्न: \’पद\’ किस प्रकार की कविता होती है?
उत्तर: गीतात्मक कविता।
7. प्रश्न: सूरदास के पदों में मुख्यतः किस रस की अभिव्यक्ति है?
उत्तर: श्रृंगार रस की।
8. प्रश्न: \’सूरसागर\’ किसकी रचना है?
उत्तर: सूरदास की।
9. प्रश्न: सूरदास के पदों में किस युगल की लीलाओं का वर्णन है?
उत्तर: राधा-कृष्ण की लीलाओं का।
10. प्रश्न: \’पद\’ साहित्य की किस विधा से संबंधित है?
उत्तर: काव्य से।
अध्याय 2: राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद (तुलसीदास)
1. प्रश्न: परशुराम किसके शिष्य थे?
उत्तर: महर्षि जमदग्नि के।
2. प्रश्न: राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद किस महाकाव्य से लिया गया है?
उत्तर: रामचरितमानस से।
3. प्रश्न: परशुराम का मुख्य अस्त्र क्या था?
उत्तर: फरसा।
4. प्रश्न: परशुराम किसके अवतार माने जाते हैं?
उत्तर: भगवान विष्णु के।
5. प्रश्न: राम ने परशुराम को कैसे शांत किया?
उत्तर: विनम्रता और शौर्य से।
6. प्रश्न: लक्ष्मण ने परशुराम से किस प्रकार का संवाद किया?
उत्तर: तीखा और व्यंग्यपूर्ण।
7. प्रश्न: परशुराम ने शिव धनुष टूटने पर किसे दोषी माना?
उत्तर: जनक को।
8. प्रश्न: राम ने परशुराम को अपना कौन-सा रूप दिखाया?
उत्तर: विष्णु रूप।
9. प्रश्न: परशुराम ने राम को क्या आशीर्वाद दिया?
उत्तर: विजय और कीर्ति का।
10. प्रश्न: इस संवाद में किसका क्रोध प्रमुख रूप से दिखाया गया है?
उत्तर: परशुराम का।
अध्याय 3: आत्मकथ्य (जयशंकर प्रसाद)
1. प्रश्न: जयशंकर प्रसाद किस साहित्यिक विधा के प्रमुख लेखक थे?
उत्तर: कविता, नाटक और उपन्यास।
2. प्रश्न: \’आत्मकथ्य\’ किस प्रकार की रचना है?
उत्तर: आत्मपरक कविता।
3. प्रश्न: प्रसाद जी का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: वाराणसी में।
4. प्रश्न: \’कामायनी\’ किसकी प्रसिद्ध कृति है?
उत्तर: जयशंकर प्रसाद की।
5. प्रश्न: प्रसाद जी किस युग के कवि माने जाते हैं?
उत्तर: छायावादी युग के।
6. प्रश्न: \’आत्मकथ्य\’ में कवि ने किसकी महत्ता बताई है?
उत्तर: सृजनशीलता की।
7. प्रश्न: प्रसाद जी ने अपने जीवन को किससे तुलना की है?
उत्तर: दीपक से।
8. प्रश्न: \’आत्मकथ्य\’ में कवि ने किसकी आलोचना की है?
उत्तर: समाज की संकीर्णता की।
9. प्रश्न: जयशंकर प्रसाद ने साहित्य के किस रूप में अधिक योगदान दिया?
उत्तर: कविता में।
10. प्रश्न: \’आत्मकथ्य\’ कविता में कवि ने किस भावना को प्रकट किया है?
उत्तर: आत्मसंघर्ष और सृजन की।
अध्याय 4: उत्साह ,अट नहीं रही (सूर्यकांत त्रिपाठी \’निराला\’)
1. प्रश्न: \’उत्साह\’ कविता में कवि ने किसकी महत्ता बताई है?
उत्तर: साहस और आत्मविश्वास की।
2. प्रश्न: \’अट नहीं रही\’ कविता में कवि ने किस प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन किया है?
उत्तर: वसंत ऋतु के।
3. प्रश्न: निराला जी किस युग के कवि माने जाते हैं?
उत्तर: छायावादी युग।
4. प्रश्न: कवि ने \’अट नहीं रही\’ में किसकी छवि को दर्शाया है?
उत्तर: प्रकृति की अनुपम छवि।
5. प्रश्न: \’उत्साह\’ कविता में कवि ने किस भावना को प्रेरित किया है?
उत्तर: संघर्ष और विजय की भावना।
6. प्रश्न: \’उत्साह\’ कविता में कवि किसे संबोधित कर रहे हैं?
उत्तर: युवा वर्ग को।
7. प्रश्न: \’अट नहीं रही\’ में वसंत ऋतु का आगमन कैसे बताया गया है?
उत्तर: फूलों के खिलने और हरियाली के माध्यम से।
8. प्रश्न: \’निराला\’ नाम कवि को किसने दिया?
उत्तर: महाप्राण पंत ने।
9. प्रश्न: \’उत्साह\’ कविता में कवि ने किसका विरोध किया है?
उत्तर: आलस्य और निराशा का।
10. प्रश्न: \’अट नहीं रही\’ कविता में किस रस की प्रधानता है?
उत्तर: श्रृंगार रस।
अध्याय -5 नागार्जुन की कविता \”यह दंतुरित मुस्कान\”
- प्रश्न: \’दंतुरित मुस्कान\’ कविता के रचयिता कौन हैं?
उत्तर: नागार्जुन। - प्रश्न: कवि ने किसके मुख की मुस्कान का वर्णन किया है?
उत्तर: शिशु के मुख की मुस्कान का। - प्रश्न: \’दंतुरित\’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: छोटे-छोटे उगते हुए दाँतों से युक्त। - प्रश्न: कवि ने शिशु की मुस्कान को किससे तुलना की है?
उत्तर: सूरज की किरणों और चाँदनी से। - प्रश्न: कवि को शिशु की मुस्कान क्यों प्रिय है?
उत्तर: क्योंकि वह निश्छल, सजीव और आनंदमय होती है। - प्रश्न: कवि को शिशु के दाँत कैसे लगते हैं?
उत्तर: मोतियों की तरह। - प्रश्न: कविता में किस भावना को व्यक्त किया गया है?
उत्तर: मासूमियत, सौंदर्य और शुद्धता की भावना। - प्रश्न: कविता में शिशु की मुस्कान का कौन-सा पक्ष मुख्य रूप से वर्णित है?
उत्तर: उसकी सजीवता और सरलता। - प्रश्न: कवि ने शिशु की मुस्कान को किस प्राकृतिक घटना के समान बताया है?
उत्तर: सूरज की किरणों के समान। - प्रश्न: \’दंतुरित मुस्कान\’ कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: मासूमियत और सरलता में आनंद की अनुभूति। - अध्याय-7 मंगलेश डबराल की कविता \”संगतकार\” से जुड़े अतिलघुउत्तरीय प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं:
- कवि ने ‘संगतकार’ किसे कहा है?
उत्तर: कवि ने संगतकार को वह व्यक्ति कहा है, जो मुख्य कलाकार के साथ रहता है और उसका समर्थन करता है। - संगतकार का मुख्य काम क्या होता है?
उत्तर: संगतकार का मुख्य काम मुख्य कलाकार के संगीत या प्रस्तुति को बेहतर बनाना और उसे संवारना होता है। - संगतकार के प्रति कवि का दृष्टिकोण कैसा है?
उत्तर: कवि संगतकार के प्रति सम्मान और सहानुभूति का दृष्टिकोण रखते हैं। - ‘संगतकार’ कविता में मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: कविता में संदेश है कि मुख्य भूमिका निभाने वालों के पीछे मेहनत करने वालों का भी महत्व होता है। - कवि ने संगतकार को क्या प्रतीक माना है?
उत्तर: कवि ने संगतकार को निस्वार्थ सेवा और विनम्रता का प्रतीक माना है। - संगतकार का महत्व क्यों होता है?
उत्तर: संगतकार के बिना मुख्य कलाकार की प्रस्तुति अधूरी मानी जाती है, क्योंकि वह उसे सही मायने में पूर्णता प्रदान करता है। - कवि के अनुसार संगतकार की तुलना किससे की गई है?
उत्तर: संगतकार की तुलना ऐसे व्यक्ति से की गई है जो छाया की तरह हर समय मुख्य कलाकार के साथ रहता है।
कवि ने संगतकार की उपेक्षा को कैसे व्यक्त किया है?
उत्तर: कवि ने संगतकार की उपेक्षा को यह कहकर व्यक्त किया है कि वह मंच के कोने में बैठता है और उसकी ओर कोई ध्यान नहीं देता।
संगतकार के बिना मुख्य कलाकार का क्या हाल होता है?
उत्तर: संगतकार के बिना मुख्य कलाकार की प्रस्तुति अधूरी और प्रभावहीन हो जाती है।
कवि ने संगतकार के श्रम को कैसे महत्व दिया है?
उत्तर: कवि ने संगतकार के श्रम को मुख्य कलाकार की सफलता की बुनियाद बताया है।
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