
प्यारे विद्यार्थियों
आज हम आपके साथ साझा कर रहे हैं कक्षा 12 के अर्थशास्त्र विषय के सैंपल पेपर/sample paper/ model paper 2025 का हल।



1.
(क) किसने कहा कि अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है?
(i) मार्शल
(ii) रॉबिन्स
(iii) एडम स्मिथ
(iv) कीन्स
उत्तर: (iii) एडम स्मिथ
(ख) अर्थशास्त्र की केन्द्रीय समस्या है –
(i) क्या उत्पादन हो
(ii) कैसे उत्पादन हो
(iii) उत्पादित वस्तु का वितरण कैसे हो
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (iv) उपर्युक्त सभी
(ग) सीमान्त उपयोगिता का सूत्र है:
(i) ΔTU/ΔQ
(ii) ΔMU/ΔQ
(iii) ΔQ/ΔTU
(iv) ΔQ/ΔMU
उत्तर: (i) ΔTU/ΔQ
(घ) माँग का सम्बन्ध होता है –
(i) वस्तु की इच्छाf
(ii) एक निश्चित मूल्य
(iii) साधन व्यय करने की तत्परता
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (iv) उपर्युक्त सभी
(ङ) निम्नलिखित दोनों कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए –
अभिकथन (A): मानव की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन ही अर्थशास्त्र है।
कारण (R): आर्थिक क्रिया वह क्रिया है, जिसका सम्बन्ध आवश्यकताओं की सन्तुष्टि के लिए सीमित साधनों को उपयोग से है।
(i) A तथा R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
(ii) A तथा R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) A सही है, परन्तु R गलत है।
(iv) A तथा R दोनों गलत हैं।
उत्तर: (i) A तथा R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
2. वास्तविक अर्थशास्त्र क्या है?
उत्तर: वास्तविक अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र की वह शाखा है, जिसमें आर्थिक घटनाओं एवं प्रक्रियाओं का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। इसमें तथ्यों, कारणों और प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है, जिससे अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति को समझा जा सके।
3. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: पूँजीवादी अर्थव्यवस्था वह आर्थिक प्रणाली है, जिसमें उत्पादन के साधन निजी स्वामित्व में होते हैं और आर्थिक क्रियाएँ लाभ कमाने के उद्देश्य से संचालित होती हैं। इसमें बाजार की भूमिका प्रमुख होती है, तथा माँग और आपूर्ति के आधार पर संसाधनों का आवंटन किया जाता है।
4. कुल उपयोगिता क्या है?
उत्तर: कुल उपयोगिता (Total Utility) उपभोक्ता द्वारा किसी वस्तु की विभिन्न मात्राओं का उपभोग करने से प्राप्त कुल संतोष या उपयोगिता की मात्रा होती है। इसे TU = ∑MU के रूप में व्यक्त किया जाता है, जहाँ TU कुल उपयोगिता और MU सीमान्त उपयोगिता होती है।
5. केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: केन्द्रीकृत योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था होती है, जिसमें सभी आर्थिक निर्णय सरकार द्वारा लिए जाते हैं। उत्पादन, वितरण एवं विनिमय से जुड़ी नीतियाँ सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं। इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में संसाधनों का उपयोग सामाजिक हित में किया जाता है। उदाहरण के रूप में पूर्व सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था को लिया जा सकता है।
6. एक वस्तु की बाजार माँग को प्रभावित करने वाले तत्वों को बताइए।
उत्तर: एक वस्तु की बाजार माँग निम्नलिखित तत्वों से प्रभावित होती है:
- मूल्य: वस्तु के मूल्य में वृद्धि से माँग घटती है, जबकि कमी से बढ़ती है।
- उपभोक्ताओं की आय: अधिक आय होने पर महँगी वस्तुओं की माँग बढ़ती है।
- स्थानापन्न एवं पूरक वस्तुएँ: प्रतिस्थापन वस्तुओं के सस्ते होने से माँग घट सकती है।
- भविष्य की अपेक्षाएँ: यदि भविष्य में कीमत बढ़ने की आशंका हो तो वर्तमान में माँग बढ़ जाती है।
- जनसंख्या: जनसंख्या वृद्धि से माँग बढ़ती है।
7. अल्पकाल तथा दीर्घकाल से क्या आशय है?
उत्तर:
- अल्पकाल (Short Run): वह समय अवधि जिसमें कुछ संसाधनों को बदला नहीं जा सकता, जैसे पूँजी व मशीनरी।
- दीर्घकाल (Long Run): वह समय अवधि जिसमें सभी संसाधनों को बदला जा सकता है और उत्पादन की सभी स्थितियों को समायोजित किया जा सकता है।
8. कीमत रेखा किसे कहते हैं? रेखा चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कीमत रेखा (Price Line) उपभोक्ता की बजट सीमा को दर्शाने वाली रेखा होती है, जो दिखाती है कि किसी व्यक्ति के पास दी गई आय से दो वस्तुओं का अधिकतम संयोजन कितनी मात्रा में खरीदा जा सकता है।
रेखा चित्र:

(यहाँ आप एक सरल ग्राफ बना सकते हैं जिसमें X-अक्ष पर वस्तु X और Y-अक्ष पर वस्तु Y हो और बजट रेखा नीचे की ओर ढलान लिए हो।)
9. अनधिमान वक्र के लक्षण / विशेषताओं को रेखाचित्र सहित समझाइए।
उत्तर: अनधिमान वक्र (Indifference Curve) उपभोक्ता की समान संतोष स्तर को दर्शाने वाली वक्र होती है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- नकारात्मक ढलान: यह बाएँ से दाएँ नीचे की ओर ढलान वाली होती है।
- उत्तलता: यह मूल बिंदु की ओर उत्तल होती है।
- समान संतोष स्तर: वक्र पर स्थित प्रत्येक बिंदु पर संतोष का स्तर समान होता है।
रेखा चित्र:

(यहाँ आप एक सरल अनधिमान वक्र बना सकते हैं जो X और Y वस्तुओं के संयोजन को दर्शाए।)
10. परिवर्ती अनुपात का नियम क्या है? इसे स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: परिवर्ती अनुपात का नियम कहता है कि यदि अन्य कारक स्थिर रखते हुए किसी एक परिवर्ती कारक की मात्रा को बढ़ाया जाए, तो प्रारंभ में उत्पादन में वृद्धि होगी लेकिन अंततः उत्पादन की वृद्धि दर घटने लगेगी और फिर गिरावट आने लगेगी। यह तीन चरणों में विभाजित होता है:
- वृद्धि की अवस्था
- घटती वृद्धि की अवस्था
- ऋणात्मक उत्पादन की अवस्था
11. पूर्णतः लोचदार माँग को समझाइए।
उत्तर: जब माँग की कीमत लोच (Elasticity) अनंत होती है, तब उसे पूर्णतः लोचदार माँग कहा जाता है। इसका अर्थ है कि थोड़े से मूल्य परिवर्तन से माँग में अनंत परिवर्तन आ सकता है।
रेखा चित्र:
(यहाँ आप एक ग्राफ बना सकते हैं जिसमें माँग वक्र क्षैतिज रेखा के रूप में हो।)
अथवा
बजट सेट में बदलाव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: बजट सेट उपभोक्ता की क्रय शक्ति और वस्तुओं की कीमतों के अनुसार उपलब्ध संयोजन का समूह होता है। इसमें बदलाव निम्न कारकों से होता है:
- आय में परिवर्तन: आय बढ़ने से बजट सेट बढ़ता है।
- मूल्य में परिवर्तन: यदि वस्तुओं के मूल्य घटते हैं तो बजट सेट बढ़ता है।
12. निम्न तालिका में एक फर्म की कुल लागत सारणी दी गई है:
इस प्रश्न में एक फर्म की कुल लागत सारणी दी गई है। हमें कुल स्थिर लागत (Total Fixed Cost, TFC), औसत स्थिर लागत (Average Fixed Cost, AFC), औसत परिवर्ती लागत (Average Variable Cost, AVC), औसत लागत (Average Cost, AC) और सीमांत लागत (Marginal Cost, MC) का परिकलन करना है।
Step by Step Solution:
Step 1
कुल स्थिर लागत (TFC) का परिकलन: जब उत्पादन 0 है, तब कुल लागत 40 रु है। इसलिए, TFC = 40 रु।
Step 2
औसत स्थिर लागत (AFC) का परिकलन: AFC = TFC / उत्पादन।
Step 3
औसत परिवर्ती लागत (AVC) का परिकलन: AVC = (कुल लागत – TFC) / उत्पादन।
Step 4
औसत लागत (AC) का परिकलन: AC = कुल लागत / उत्पादन।
Step 5
सीमांत लागत (MC) का परिकलन: MC = (कुल लागत में परिवर्तन) / (उत्पादन में परिवर्तन)।
Final Answer:
इस प्रकार, हमने फर्म की कुल स्थिर लागत (TFC), औसत स्थिर लागत (AFC), औसत परिवर्ती लागत (AVC), औसत लागत (AC) और सीमांत लागत (MC) का परिकलन किया।
13. पूर्ति अनुसूची एवं पूर्ति वक्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
- पूर्ति अनुसूची (Supply Schedule): यह एक सारणी होती है, जिसमें किसी वस्तु की विभिन्न मात्राओं की आपूर्ति को विभिन्न मूल्यों पर दर्शाया जाता है।
- पूर्ति वक्र (Supply Curve): यह एक ग्राफ होता है, जो कीमत और आपूर्ति के बीच सकारात्मक संबंध को दर्शाता है।
रेखा चित्र:
(यहाँ आप एक ऊपर की ओर बढ़ता हुआ आपूर्ति वक्र बना सकते हैं।)
14. पूर्ण प्रतियोगिता के अन्तर्गत विक्रेता मूल्य स्वीकार करता है, जबकि एकाधिकार के अन्तर्गत विक्रेता मूल्य निर्धारित करता है। व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
- पूर्ण प्रतियोगिता: इसमें अनेक विक्रेता होते हैं और प्रत्येक विक्रेता का बाजार में नगण्य प्रभाव होता है, इसलिए वे बाजार द्वारा निर्धारित मूल्य को ही स्वीकार करते हैं।
- एकाधिकार: इसमें केवल एक विक्रेता होता है, जो बाजार में कीमत को नियंत्रित करता है।
अथवा
एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा में किसी फर्म की माँग वक्र की प्रवणता ऋणात्मक क्यों होती है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: एकाधिकारी प्रतिस्पर्धा में उत्पादों में भिन्नता होती है, जिससे प्रत्येक फर्म की माँग वक्र नीचे की ओर ढलान लिए होती है। इसका कारण यह है कि यदि कोई फर्म अपने उत्पाद की कीमत बढ़ाती है तो उपभोक्ता अन्य प्रतिस्पर्धी उत्पादों की ओर चले जाते हैं, जिससे माँग घटती है।
15.
(क) सामान्य कीमत स्तर एवं रोजगार का अध्ययन किया जाता है –
(i) व्यष्टि अर्थशास्त्र में
(ii) समष्टि अर्थशास्त्र में
(iii) दोनों में
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ii) समष्टि अर्थशास्त्र में
(ख) प्रवाह के अंतर्गत निम्नलिखित में कौन शामिल हैं?
(i) उपभोग
(ii) निवेश
(iii) आय
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (iv) उपर्युक्त सभी
(ग) वस्तु-विनिमय प्रणाली की निम्नलिखित में कौन सी कठिनाइयाँ हैं?
(i) दोहरे संयोग का अभाव
(ii) वस्तु विभाजन में कठिनाई
(iii) सर्वमान्य मूल्य मापक का अभाव
(iv) उपर्युक्त सभी
उत्तर: (iv) उपर्युक्त सभी
(घ) MPC को निम्न में से किसके द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
(i) ΔC/ΔY
(ii) C/Y
(iii) S/Y
(iv) ΔS/ΔY
उत्तर: (i) ΔC/ΔY
(ङ) निम्नलिखित दोनों कथनों को पढ़कर सही विकल्प चुनिए –
अभिकथन (A): उत्पादन प्रक्रिया के अंतर्गत सृजित आय की संख्या के चक्रीय प्रवाह के रूप में की जा सकती है।
कारण (R): प्रवाह का न कोई आरंभ होता है, और न कोई अंत होता है।
(i) A तथा R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
(ii) A तथा R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या नहीं करता है।
(iii) A सही है, परंतु R गलत है।
(iv) A तथा R दोनों गलत हैं।
उत्तर: (i) A तथा R दोनों सही हैं, तथा R, A की सही व्याख्या करता है।
16. समष्टि अर्थशास्त्र क्या है?
उत्तर: समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics) अर्थशास्त्र की वह शाखा है, जिसमें संपूर्ण अर्थव्यवस्था से जुड़े कारकों जैसे – कुल आय, उत्पादन, रोजगार, महँगाई, सरकारी नीतियाँ आदि का अध्ययन किया जाता है।
17. बंद अर्थव्यवस्था क्या है?
उत्तर: बंद अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था होती है, जिसमें किसी अन्य देश के साथ व्यापारिक लेन-देन नहीं होता। इसमें सभी आर्थिक गतिविधियाँ घरेलू स्तर पर होती हैं और किसी प्रकार का आयात-निर्यात नहीं किया जाता।
18. भारत के केंद्रीय बैंक का नाम लिखिए।
उत्तर: भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI – Reserve Bank of India) है।
19. मुद्रा के प्राथमिक कार्य लिखिए।
उत्तर: मुद्रा के निम्नलिखित प्राथमिक कार्य होते हैं –
- मूल्य मापक (Unit of Account): वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को मुद्रा में व्यक्त किया जाता है।
- विनिमय का माध्यम (Medium of Exchange): मुद्रा के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय किया जाता है।
20. सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति (MPC) को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति (MPC) यह दर्शाती है कि उपभोक्ता अपनी अतिरिक्त आय का कितना भाग उपभोग पर व्यय करेगा। इसे निम्नलिखित सूत्र से मापा जाता है: MPC = \\frac{\\Delta C}{\\Delta Y}
21. व्यापार संतुलन तथा अदायगी संतुलन में क्या अंतर है?
उत्तर:
- व्यापार संतुलन: यह किसी देश के कुल निर्यात और कुल आयात के बीच का अंतर होता है।
- अदायगी संतुलन: यह एक व्यापक अवधारणा है, जिसमें व्यापार संतुलन के साथ-साथ पूँजी प्रवाह और सेवाओं का लेन-देन भी शामिल होता है।
22. एक व्यापारिक बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: व्यापारिक बैंक निम्नलिखित कार्य करते हैं –
- जमा स्वीकार करना: यह जनता से विभिन्न प्रकार की जमाएँ स्वीकार करता है।
- ऋण प्रदान करना: यह व्यक्तियों एवं व्यवसायों को ऋण प्रदान करता है।
- चेक एवं ड्राफ्ट की सुविधा: यह लेन-देन के लिए विभिन्न बैंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध कराता है।
23. सरकार के एजेंट एवं सलाहकार के रूप में केंद्रीय बैंक की भूमिका को समझाइए।
उत्तर: केंद्रीय बैंक सरकार के एजेंट और आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य करता है। यह सरकारी ऋण प्रबंधन, मौद्रिक नीति निर्माण, विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन तथा आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सहायता करता है।
अथवा
व्यावसायिक बैंकों के प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर:
- मूल कार्य: जमा स्वीकार करना, ऋण देना, चेक का निपटान करना।
- सहायक कार्य: विदेशी मुद्रा विनिमय, लॉकर्स की सुविधा, वित्तीय परामर्श।
- विकासात्मक कार्य: उद्योगों और व्यापार को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
24. स्टॉक और प्रवाह की संकल्पना को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- स्टॉक: यह किसी निश्चित समय पर उपलब्ध आर्थिक चर को दर्शाता है, जैसे – पूँजी, संपत्ति, ऋण।
- प्रवाह: यह किसी निश्चित अवधि में हुए आर्थिक क्रियाकलापों को दर्शाता है, जैसे – आय, व्यय, उत्पादन।
25. सिद्ध कीजिए कि MPC + MPS = 1
उत्तर:
MPC (Marginal Propensity to Consume) और MPS (Marginal Propensity to Save) अर्थशास्त्र में उपभोग और बचत की प्रवृत्ति को मापने वाले दो प्रमुख घटक हैं। इसे सिद्ध करने के लिए, निम्नलिखित चरणों पर विचार करें:
चरण 1: कुल आय का वितरण
किसी भी व्यक्ति या अर्थव्यवस्था की कुल आय (ΔY) को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- उपभोग (ΔC) – आय का वह भाग जो उपभोग पर खर्च किया जाता है।
- बचत (ΔS) – आय का वह भाग जो बचा लिया जाता है।
इसलिए, आय का संतुलन समीकरण होगा: ΔY = ΔC + ΔS
चरण 2: सीमांत प्रवृत्ति की परिभाषा
- MPC (Marginal Propensity to Consume) = उपभोग में परिवर्तन का आय में परिवर्तन के अनुपात से संबंध
MPC = \\frac{ΔC}{ΔY}
MPS = \\frac{ΔS}{ΔY}
चरण 3: समीकरण में परिवर्तन
मुख्य समीकरण को दोनों पक्षों को से विभाजित करके लिख सकते हैं: \\frac{ΔY}{ΔY} = \\frac{ΔC}{ΔY} + \\frac{ΔS}{ΔY}
1 = MPC + MPS
निष्कर्ष
इस प्रकार, यह सिद्ध हो गया कि: MPC + MPS = 1
26. राष्ट्रीय आय की गणना करने की किन्हीं दो विधियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- उत्पादन विधि: इसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य का योग करके राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है।
- आय विधि: इसमें मजदूरी, किराया, ब्याज, लाभ आदि को जोड़कर राष्ट्रीय आय निकाली जाती है।
अथवा
निम्नलिखित आँकड़ों द्वारा साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (GDPFC) ज्ञात कीजिए।
मदें:
(i) मध्यवर्ती उपभोग का मूल्य – 250 करोड़ रु
(ii) अप्रत्यक्ष कर – 40 करोड़ रु
(iii) स्थिर पूँजी का उपभोग – 50 करोड़ रु
(iv) उत्पाद का मूल्य – 700 करोड़ रु
उत्तर: GDPFC = उत्पाद का मूल्य - अप्रत्यक्ष कर - मध्यवर्ती उपभोग
= 700 – 40 – 250 = 410 करोड़ रु ]
27. कीन्स के रोजगार सिद्धांत की व्याख्या कीजिए।
उत्तर: कीन्स का रोजगार सिद्धांत कहता है कि कुल माँग (Aggregate Demand) रोजगार के स्तर को निर्धारित करती है। यदि कुल माँग अधिक होगी तो उत्पादन बढ़ेगा और रोजगार में वृद्धि होगी, जबकि कुल माँग में कमी से बेरोजगारी बढ़ेगी।
28. निम्नलिखित केस अध्ययन को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा इसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) किसी देश के कुल दृश्य निर्यात एवं आयात के मूल्य को क्या कहते हैं?
उत्तर: इसे व्यापार शेष (Balance of Trade) कहा जाता है।
(ii) भुगतान शेष के अंतर्गत कौन-कौन सी मदें सम्मिलित होती हैं?
उत्तर:
- दृश्य मदें (Visible Items)
- अदृश्य मदें (Invisible Items)
- पूँजी अंतरण (Capital Transfers)
(iii) दृश्य मदों के अंतर्गत क्या सम्मिलित किया जाता है?
उत्तर: दृश्य मदों में भौतिक वस्तुएँ जैसे – मशीन, कपड़ा, सीमेंट, कंप्यूटर आदि शामिल होते हैं।
(iv) व्यापार शेष तथा भुगतान शेष में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
- व्यापार शेष केवल दृश्य निर्यात और आयात के बीच का अंतर दर्शाता है।
- भुगतान शेष सभी आर्थिक सौदों को सम्मिलित करता है, जिसमें व्यापार शेष, पूँजी अंतरण और सेवाएँ शामिल होती हैं।
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Thankyou for all this, but I’m studying economics in English medium. Could you please translate all questions and answers in English?
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