
उत्तराखंड बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा जारी प्रतिदर्श प्रश्नपत्र (मॉडल/सैंपल पेपर) हिंदी कक्षा 10 का सम्पूर्ण हल आपके सामने प्रस्तुत है।

प्रश्न 1: गद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखें:
भाषा समूची युग चेतना की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है और ऐसी सशक्तता वह तभी अर्जित कर सकती है जब वह अपने युगानुकूल मुहावरों को ग्रहण कर सके। भाषा सामाजिक भाव प्रकटीकरण की सुबोधता के लिए ही उद्दिष्ट हैं। कभी-कभी अन्य संस्कृतियों के प्रभाव से और अन्य जातियों के संसर्ग से भाषा में नए शब्दों का प्रवेश होता है और इन शब्दों के सही पर्यायवाची शब्द अपनी भाषा में न प्राप्त हों तो उन्हें वैसे ही अपनी भाषा में स्वीकार करने में किसी भी भाषा-भाषी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यही भाषा की आधुनिकता होती है। भाषा म्यूजियम की वस्तु नहीं है, उसकी एक स्वतः सिद्ध सहज गति है जो सदैव नित्य नूतनता को ग्रहण कर चलने वाली है।
भाषा स्वयं संस्कृति का एक अटूट अंग है। संस्कृति परंपरा से निःसृत होने पर भी परिवर्तनशील और गतिशील हैं। उसकी गति, विज्ञान की प्रगति के साथ जोड़ी जाती है। वैज्ञानिक आविष्कारों के प्रभाव के कारण उद्द्भूत नई सांस्कृतिक हलचलों को शाब्दिक रूप देने के लिए भाषा के परंपरागत प्रयोग पर्याप्त नहीं हैं। इसके लिए नए प्रयोगों की नहीं भाव योजनाओं की, अभिव्यक्ति के लिए नए शब्दों की खोज की महती आवश्यकता है।
अब प्रश्न यह है कि भाषा में यह परिवर्तन कैसे संभव हैं? यत्नसाध्य अथवा सहज-सिद्धि? यत्नसाध्य से तात्पर्य यह है कि भाषा को युगानुरूप बनाने के लिए किसी व्यक्ति-विशेष अथवा व्यक्ति समूह का प्रयत्न होना ही चाहिए। शायद सहजसिद्धि से आशय इतना ही है कि भाषा की यह गति स्वाभाविक होने के कारण यह किसी प्रयत्न विशेष की अपेक्षा नहीं रखती है। हर भाषा की अपनी खास प्रवृत्ति होती है। शब्द निर्माण तथा अर्थग्रहण की दिशा में उसका अलग रुख होता है। उस विशेष प्रवृत्ति को ध्यान में रखकर ही, बिना उस भाषा की मूल आत्मा आत्मा को विकृत बनाये हम अन्य भाषागत शब्दों को स्वीकार कर सकते हैं, चंद रूपगत परिवर्तन के साथ।
(i) भाषा किसका सशक्त माध्यम है?
उत्तर: भाषा समूची युग चेतना की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है।
(ii) वैज्ञानिक आविष्कारों का भाषा पर क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर: वैज्ञानिक आविष्कारों के प्रभाव से उत्पन्न नई सांस्कृतिक हलचलों को शाब्दिक रूप देने के लिए भाषा के परंपरागत प्रयोग पर्याप्त नहीं रहे। इसके लिए नए शब्दों और प्रयोगों की आवश्यकता हुई।
(iii) हर भाषा का अपना अलग रुख किन दिशाओं में होता है?
उत्तर: हर भाषा का अपना अलग रुख शब्द निर्माण और अर्थ ग्रहण की दिशा में होता है।
(iv) समसामयिक शब्द का अर्थ स्पष्ट है:
उत्तर: (ग) वर्तमान में घटित होने वाली घटनाएँ।
(v) उपर्युक्त गद्यांश का सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक है:
उत्तर: (क) भाषा।

प्रश्न 2: दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग २५० शब्दों का निबन्ध लिखिए-
(क)- शिक्षा एवं सदाचार
(1) जीवन में शिक्षा का महत्त्व
(ख)- योगासन और स्वास्थ्य
(1) अर्थ
(3) जन-जीवन में व्याप्त भ्रष्टाचार
(2) सदाचार का अर्थ एवं जीवन में प्रयोग
(4) सदाचरण में शिक्षा की भूमिका।
(2) योगासन और खेल
(3) योगासन से स्वास्थ्य लाभ शारीरिक और मानसिक (4) योगासन से अनुशासन और व्यक्तित्व का विकास।
विषय: शिक्षा और सदाचार
जीवन में शिक्षा का महत्व:
शिक्षा मानव जीवन का आधार है। यह न केवल हमें ज्ञान और कौशल प्रदान करती है, बल्कि समाज में नैतिकता और अनुशासन का भी पाठ पढ़ाती है। शिक्षा व्यक्ति को सही-गलत की पहचान करवाती है और उसे एक जिम्मेदार नागरिक बनाती है।
सदाचार का अर्थ एवं जीवन में प्रयोग:
सदाचार का अर्थ है उत्तम आचरण। यह वह व्यवहार है जिसमें नैतिकता, ईमानदारी और अनुशासन का समावेश हो। सदाचार व्यक्ति को समाज में सम्मान दिलाता है। जीवन में सदाचार का पालन करने से व्यक्ति शांत और संतुष्ट रहता है।
सदाचार में शिक्षा की भूमिका:
शिक्षा न केवल बुद्धिमत्ता को बढ़ाती है, बल्कि व्यक्ति को नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक भी बनाती है। विद्यालय और परिवार दोनों में बच्चों को सदाचार का महत्व सिखाया जाना चाहिए। शिक्षक और अभिभावक बच्चों को ईमानदारी, सहिष्णुता और करुणा का महत्व समझा सकते हैं।
निष्कर्ष:
शिक्षा और सदाचार दोनों ही समाज को मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए आवश्यक हैं। यदि हम जीवन में इन दोनों का पालन करें, तो हम अपने समाज और देश को बेहतर बना सकते हैं।
प्रश्न 3: अतिवृष्टि के कारण मार्ग अवरुद्ध होने से आपके गाँव या शहर का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। मार्ग चालू करने हेतु जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र लिखिए। (आपका काल्पनिक नाम क,ख,ग है।)
अथवा
(ख) संस्कृति असंस्कृति कैसे बन सकती है?
उत्तर: जब संस्कृति का संबंध कल्याण की भावना से टूट जाता है, तो वह असंस्कृति बन जाती है। मानव की विनाशकारी प्रवृत्तियाँ संस्कृति को असंस्कृति में परिवर्तित कर देती हैं।
अन्तर्विद्यालीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में जनपद स्तर पर आपने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उक्त की जानकारी देते हुए अपने पिताजी को एक पत्र लखिए। (आपका काल्पनिक नाम क.ख. ग. है।)
प्रार्थना पत्र लिखें
जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र
सेवा में,
जिलाधिकारी महोदय,
[आपके जिले का नाम],
[तारीख]
विषय: मार्ग अवरुद्ध होने की समस्या के समाधान हेतु।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे गाँव का जिला मुख्यालय से संपर्क अतिवृष्टि के कारण अवरुद्ध हो गया है। इस मार्ग के बंद होने से ग्रामीणों को दैनिक जीवन में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो रही है, और यातायात पूर्णतः ठप हो गया है।
अतः आपसे विनम्र प्रार्थना है कि जल्द से जल्द मार्ग की मरम्मत करवाई जाए और हमारे गाँव का जिला मुख्यालय से संपर्क बहाल किया जाए।
धन्यवाद।
भवदीय,
क ख ग
अथवा
पिताजी को पत्र
प्रिय पिताजी,
सादर चरणस्पर्श।
मुझे यह पत्र लिखते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि मैंने अंतरविद्यालयीय वाद-विवाद प्रतियोगिता में जनपद स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि आपके आशीर्वाद और मेरी मेहनत का परिणाम है।
आशा है कि आप और परिवार के सभी सदस्य कुशल-मंगल होंगे। जल्द ही घर आकर इस खुशी को आपके साथ साझा करूंगा।
आपका पुत्र,
क ख ग
प्रश्न 4: वाक्यों में क्रिया पद छाँटकर क्रिया का भेद बताइए:
(क) मोहन चाय पी रहा है।
उत्तर:
क्रिया: \”पी रहा है\” (मिश्र क्रिया)।
(ख) राम हंसता है।
उत्तर:
क्रिया: \”हंसता है\” (साधारण क्रिया)।
प्रश्न 5:निम्नलिखित का यथा-निर्देश उत्तर दीजिए-
(क) विद्यालय कल भी खुलेगा। (इस चाक्य में निपात छाँटिए)
(ख) नरेन्द्र शाम को रोटी और दाल खाता है। (समुच्चयबोधक शब्द छौंटकर लिखिए ।)
(क) विद्यालय कल भी खुलेगा।
उत्तर: \”भी\” निपात है।
(ख) नरेन्द्र शाम को रोटी और दाल खाता है।
उत्तर: \”और\” समुच्चयबोधक शब्द है।
(ग) समास विग्रहं कृत्वा समासस्य नामोल्लेख कुरुत-
प्रश्न 6:
6- निम्नांकित का यथानिर्देश उत्तर दीजिए-
(क) अध्यापक ने बताया कि कल स्कूल की छुट्टी रहेगी। (यह निम्न में से किस प्रकार का वाक्य है)
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) साधारण वाक्य
(ख) निम्न में से संयुक्त वाक्य का चयन कीजिए-
(i) रमा थोड़ी देर के लिए आई और चली गई।
(ii) मोहन को बुलाओ।
(iii) आप बाहर न जाएँ।
(क) अध्यापक ने बताया कि कल स्कूल की छुट्टी रहेगी।
उत्तर: (iii) मिश्र वाक्य।
(ख) निम्न में से संयुक्त वाक्य का चयन करें:
उत्तर: (i) रमा थोड़ी देर के लिए आई और चली गई।
प्रश्न 7: (क) मोहन द्वारा पुस्तक पढ़ी गई। (वाच्य का नाम बताइए) (ख) पक्षी उड़ते हैं। (भाववाच्य में बदलिए)
(क) मोहन द्वारा पुस्तक पढ़ी गई।
उत्तर: यह वाक्य कर्मवाच्य है।
(ख) पक्षी उड़ते हैं।
उत्तर: यह भाववाच्य में बदलने पर होगा: \”पक्षियों के द्वारा उड़ान भरी जाती है।\”
प्रश्न 8: शब्दों के अर्थ चुनें
(क) \’गिरि\’ शब्द का अर्थ है-
उत्तर: (i) पर्वत।
(ख) \’विधि\’ शब्द का अर्थ नहीं है-
उत्तर: (iv) महादेव।
प्रश्न 9: काव्यांश के आधार पर उत्तर
(i) (i) तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान मृतक में भी डाल देगी जान धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात परस पाकर तुम्हारा ही प्राण, पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के बाँस था कि बबूल ? तुम मुझे पाए नहीं पहचान? देखते ही रहोगे अनिमेश ! फूल
(क) कवि ने जीवन का संदेश किसमें माना है?
उत्तर: कवि ने जीवन का संदेश सरलता, मधुरता और प्रकृति की सौंदर्यता में माना है।
(ग) धूलि-धूसरित गात की तुलना किससे की गई है?
उत्तर: धूलि-धूसरित गात की तुलना जलजात (जल में उत्पन्न सुंदर फूल) से की गई है।
(ii) (ii) मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर का साथ देती वह आवाज सुंदर कमजोर काँती हुई थी वह मुख्य गायक का छोटा भाई है या उसका विषय या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदार मुख्य गायक की गरज में वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से गायक जब अंतरे की जटिल तानों के जंगल में खो चुका होता है या अपने ही सरगम को लाँघकर चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
(ख) उक्त पद्यांश में किसकी भूमिका को स्पष्ट किया गया है?
उत्तर: इस पद्यांश में मुख्य गायक के सहायक या संगत देने वाले व्यक्ति की भूमिका को स्पष्ट किया गया है।
(ग) \’भटकता हुआ एक अनहद में\’ कौन सा अलंकार है?
उत्तर: \’भटकता हुआ एक अनहद में\’ में अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 10: किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर
(क) स्मृति को पाथेय बनाने में कवि का क्या आशय है?
उत्तर: स्मृति को पाथेय बनाने का आशय है कि जीवन के कठिन और संघर्षपूर्ण मार्ग में पुरानी अच्छी यादें, अनुभव, और प्रेरणाएँ सहारा बन सकती हैं। ये हमें जीवन में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन देती हैं।
(ख) साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर विचार:
उत्तर: साहस और शक्ति का होना व्यक्ति को सशक्त बनाता है, लेकिन यदि उसमें विनम्रता न हो, तो उसका व्यवहार अहंकारपूर्ण हो सकता है। विनम्रता से व्यक्ति दूसरों के प्रति दया और सहानुभूति रखता है। यह गुण किसी भी सफलता को सार्थक बनाता है और समाज में सच्चा सम्मान दिलाता है।
प्रश्न 11: उत्तर
(क) संगीतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
उत्तर: संगीतकार के माध्यम से कवि उन व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाहता है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपनी कला, लगन और परिश्रम से न केवल स्वयं को प्रबल बनाते हैं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करते हैं।
(ख) \’आत्मकथ्य\’ कविता का प्रतिपाद्य विषय:
उत्तर: \’आत्मकथ्य\’ कविता का प्रतिपाद्य विषय आत्मचिंतन और जीवन के उद्देश्यों को समझना है। इसमें कवि ने जीवन की वास्तविकता, संघर्ष, और अपनी जिम्मेदारियों का वर्णन किया है।
प्रश्न 12: गद्यांश आधारित उत्तर
(i) (i) हाँ, इतना जरूर था कि उस जमाने में घर की दीवारें घर तक ही समाप्त नहीं हो जाती थीं बल्कि पूरे मोहल्ले तक फैली रहती थीं इसलिए मोहल्ले के किसी भी घर में जाने पर कोई पाबंदी नहीं थीं, बल्कि कुछ घर तो परिवार का हिस्सा ही थे। आज तो मुझे बड़ी शिद्दत के साथ यह महसूस होता है कि अपनी जिंदगी खुद जीने के इस आधुनिक दबाव ने महानगरों के फ्लैट में रहने वालों को हमारे इस परंपरागत \’पड़ोस कल्चर से विच्छिन्न करके हमें कितना संकुचित, असहाय और असुरक्षित बना दिया है।
(क) पड़ोस-कल्चर से विच्छिन्न होकर क्या विषमताएँ उत्पन्न हो गई हैं?
उत्तर: पड़ोस-कल्चर से विच्छिन्न होकर लोगों के जीवन में संकुचन, असहायता और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। लोग सामाजिक सहयोग और आपसी समझदारी से दूर हो गए हैं।
(ख) पाठ तथा लेखिका का नाम लिखिए।
उत्तर:
पाठ: \”पड़ोस कल्चर\”
लेखिका: मन्नू भंडारी।
(ii) और सभ्यता? सभ्यता है संस्कृति का परिणाम। हमारे खाने-पीने के तरीके, हमारे ओढ़ने-पहनने के तरीके, हमारे गमना-गमन के साधन, हमारे परस्पर कट मरने के तरीके, सब हमारी सभ्यता है। मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है. हम उसे उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति? और जिन साधनों के बल पर वह दिन-रात आत्म-विनाश में जुटा हुआ है, उन्हें हम उसकी सभ्यता समझें या असभ्यता? संस्कृति का यदि कल्याण की भावना से नाता टूट जाएगा तो वह असंस्कृति होकर ही रहेगी और ऐसी संस्कृति का अवश्यंभावी परिणाम असभ्यता के अतिरिक्त दूसरा क्या होगा?
(क) सभ्यता किसे कहते हैं?
उत्तर: सभ्यता वह है जो मानव जीवन की बाहरी गतिविधियों को प्रकट करती है जैसे खाने-पीने, ओढ़ने-पहनने और गमनागमन के तरीके।
प्रश्न 13:निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) नेताजी का चश्मा कहानी हमें क्या संदेश देती है?
(ख) पाठ के आधार पर बाल गोविंद भगत के मधुर गायन की दो विशेषताऐं लिखिए।
(ग) \’एक कहानी यह भी\’ की विषय वस्तु क्या है?
(क) \’नेताजी का चश्मा\’ कहानी हमें क्या संदेश देती है?
उत्तर: \”नेताजी का चश्मा\” कहानी हमें सच्चाई, ईमानदारी और देशभक्ति का संदेश देती है। यह बताती है कि आदर्शों पर चलने वाला व्यक्ति समाज को नई दिशा देता है।
(ख) बाल गोविंद भगत के मधुर गायन की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- उनका गायन आत्मा को शांति और सुकून प्रदान करता था।
- उनके गायन में भक्ति और विनम्रता झलकती थी।
(ग) \’एक कहानी यह भी\’ की विषयवस्तु क्या है?
उत्तर: \”एक कहानी यह भी\” आत्मकथात्मक कहानी है जो लेखिका मन्नू भंडारी के संघर्षमय जीवन, समाज के रूढ़िवादी सोच और नारी स्वतंत्रता की बात करती है।
प्रश्न 14: उत्तर
(क) सुई धागे के आविष्कार का क्या कारण था?
उत्तर: सुई और धागे का आविष्कार कपड़ों को सिलने के लिए हुआ, ताकि मनुष्य ठंड और अन्य प्राकृतिक परिस्थितियों से बच सके।
(ख) सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
उत्तर: चश्मेवाले व्यक्ति को उसके साहसिक और नेतृत्व गुणों के कारण लोग \”कैप्टन\” कहकर सम्मानित करते थे।
प्रश्न 15:
15- निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) माता का आंचल शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाइए।
(ख) बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं?
(ग) गंगतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर\’ क्यों कहा गया है?
(घ) कभी श्वेत तो कभी रंगीन पत्ताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
(क) \’माता का आंचल\’ शीर्षक की उपयुक्तता और वैकल्पिक शीर्षक:
उत्तर: \”माता का आंचल\” शीर्षक उपयुक्त है क्योंकि यह माँ के स्नेह, ममता और संरक्षण को व्यक्त करता है। वैकल्पिक शीर्षक हो सकता है: \”माँ की ममता।\”
(ख) बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं?
उत्तर: बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को आज्ञा मानकर, छोटी-छोटी मदद करके, और उनके प्रति आदर भाव दिखाकर व्यक्त करते हैं।
(ग) गंगटोक को \’मेहनतकश बादशाहों का शहर\’ क्यों कहा गया है?
उत्तर: गंगटोक को \’मेहनतकश बादशाहों का शहर\’ कहा गया है क्योंकि यहाँ के लोग परिश्रमी, आत्मनिर्भर और स्वाभिमानी हैं।
(घ) कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
उत्तर: श्वेत पताकाएँ धार्मिक शांति और साधना का प्रतीक हैं, जबकि रंगीन पताकाएँ उत्सव और आनंद के अवसरों को दर्शाती हैं।
प्रश्न 16: अधोलिखिते गद्यांशं पठित्वा त्रीन प्रश्नान पूर्णवाक्येन उत्तरत-
(निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दीजिए।)
भुवनः आचार्यवर सज्जनाः के भवन्ति?
आचार्यः ये जनाः सत्यभाषणं कुर्वन्ति, येषां हृदयं निर्मलं भवति, ये धर्मस्य आचरणं कुर्वन्ति ते एवं सज्जनाः भवन्ति।
भुवनः-सत्सङ्गेन मानवजीवने परिवर्तनम् आगच्छति। सतां सङ्गेन गुणानां वर्धन, दुर्जनसङ्गेन दोषाणां वर्धनं च भवति अतएव उक्तम् संसर्गजा दोषगुणाः भवन्ति। यथा-नारदस्य सङ्गेन रत्नाकरनामकः लुण्ठकः महान् आदिकविः वाल्मीकिः सञ्जातः। रामकृष्णपरमहंसस्य सङ्गतिम् अवाप्य स्वामी विवेकानन्दः भारतीयसंस्कृतेः डिण्डिमघोशं सम्पूर्ण विश्वे कृतवान्। स्वामिनः विरजानन्दस्य, सम्पर्क प्राप्य महर्षि दयानन्दः वेदानां महान प्रचारकः अभवत्। बुद्धस्य प्रभावेण क्रूरः सम्राट् अशोकः अहिंसकः विनम्रः च अभवत्।
(क) \’कृतवान्\’ पदे प्रकृतिप्रत्ययं लिखत।
उत्तर:
- प्रकृतिः: कृत
- प्रत्ययः: वान्
(ख) सज्जनाः के भवन्ति?
उत्तर: ये जनाः सत्यं भाषन्ते, येषां हृदयं निर्मलं भवति, ये धर्मस्य आचरणं कुर्वन्ति, ते सज्जनाः भवन्ति।
(ग) केषां संगतिः सत्संगतिः कथ्यते?
उत्तर: सतां संगतिः सत्संगतिः कथ्यते।
(घ) सत्यभाषणं के कुर्वन्ति?
उत्तर: ये जनाः येषां हृदयं निर्मलं भवति, ते सत्यभाषणं कुर्वन्ति।
प्रश्न 17: अधोलिखितं श्लोकं पठित्वा दौ प्रश्नौ पूर्णवाक्येन उत्तरत-

(निम्नलिखित श्लोक को पढकर किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दीजिए।)
नितरां नीचोऽस्मीति त्वं खेद कूप मा कृथाः।
अत्यन्तसरसहृदयो यतः परेशां गुणग्रहीतासि ।।
(क) कूपः किं खेदं करोति?
उत्तर: कूपः आत्मनि खेदं करोति।
(ग) नीचोऽस्मीति अत्र सन्धिच्छेदं कुरुत।
उत्तर: नीचः + अस्मि = नीचोऽस्मि।
प्रश्न 18: पठित-पाठाधारितान् त्रीन् प्रश्नान् पूर्णवाक्येन उत्तरत-
(पठित पाठों पर आधारित किन्हीं तीन प्रश्नों का पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए।)
(क) सत्सङ्गतिः\’ इति शब्दस्य कः अर्थः?
(ख) चाणक्यः कुत्र निवसत्ति स्म?
(ग) कः नगाधिराजः?
(घ) दक्षप्रजापतेः पौराणिकी राजधानी कुत्र अस्ति?
(क) सत्सङ्गतिः इति शब्दस्य कः अर्थः?
उत्तर: सत्सङ्गतिः इत्यस्य अर्थः उत्तमजनैः सह संगतिः अस्ति।
(ख) चाणक्यः कुत्र निवसति स्म?
उत्तर: चाणक्यः तक्षशिलायां निवसति स्म।
(ग) कः नगाधिराजः?
उत्तर: हिमालयः नगाधिराजः अस्ति।
(घ) दक्षप्रजापतेः पौराणिकी राजधानी कुत्र अस्ति?
उत्तर: दक्षप्रजापतेः पौराणिकी राजधानी कनखले अस्ति।
प्रश्न 19: अधोलिखितेशु शब्देशु यथोचितं शब्दं चित्वा केवलं चत्वारि रिक्त स्थानानि पूरयत-
(निम्नलिखित दिए गये शब्दों में से उचित शब्द चुनकर किन्हीं चार वाक्यों में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।)
शब्द सूचीः हंस, सुखस्य, श्रेष्ठः, मोक्षप्रदं, क्षमां, सत्सङ्गतिः
(क) सज्जनानां सङ्गतिः ……….भवति ।
(ख) नीरक्षीरविवेके……आलस्यं त्वमेव तनुषे चेत् ।
(ग) ते चाणक्य…..प्रार्थितवन्तः ।
(घ) दुःखं विना नैव……..बोधः।
(ङ) हरिद्वार…… …नगरम् अस्ति।
(च) हिमालयपर्वतः भारतस्य पुण्य पर्वतेषु. अस्ति ।
शब्द सूचीः हंस, सुखस्य, श्रेष्ठः, मोक्षप्रदं, क्षमां, सत्सङ्गतिः
(क) सज्जनानां सत्सङ्गतिः भवति।
(ख) नीरक्षीरविवेके हंस आलस्यं त्वमेव तनुषे चेत्।
(ग) ते चाणक्यं श्रेष्ठः प्रार्थितवन्तः।
(घ) दुःखं विना नैव सुखस्य बोधः।
प्रश्न 20: अधोलिखितेभ्यः यथानिर्देशं केवलं चत्वारि प्रश्नान उत्तरत-

(निम्नलिखित में से निर्देशानुसार किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए)
(क) सन्धिं कुरुत (सन्धि कीजिए)-
अति + आचारः, पो + इत्रम्
(ख) सन्धि विच्छेदं कुरुत (सन्धि विच्छेद कीजिए)-
पावनः, कोऽपि
(समास विग्रह कर समास का नाम लिखिए)
यथाशक्तिम्, पितरौ
(घ) अधोलिखितेभ्यः पदेभ्यः उपसर्गानाम् पृथक कृत्वा लिखत-
(निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग अलग कर लिखिए)
दुश्चरति, पर्यावरणम्
(ङ) कोष्ठके प्रदत्तेषु शब्देषु शुद्ध शब्दं चित्वा रिक्त स्थानानि पूरयत-
(कोष्ठक में दिये शब्दों में से शुद्ध शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए)
………. पत्राणि पतन्ति। (वृक्षेण / वृक्षात् / वृक्षाय / वृक्षो)
(ii) सीता……. सह वनं गच्छति। (रामस्य / रामेण / रामः / रामायाः)
(क) सन्धिं कुरुत (सन्धि कीजिए)
- अति + आचारः = अत्याचारः
- पो + इत्रम् = पवित्रम्
(ख) सन्धि विच्छेदं कुरुत (सन्धि विच्छेद कीजिए)
- पावनः = पावनः + इ
- कोऽपि = कः + अपि
(ग) समास विग्रह और नाम
- यथाशक्तिम् = यथा शक्ति (अव्ययीभाव समास)
- पितरौ = पिता च माता च (द्वन्द्व समास)
(घ) उपसर्ग अलग करना
- दुश्चरति = दुः + चरति
- पर्यावरणम् = परि + आवरणम्
(ङ) कोष्ठक से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थान पूर्ति
(i) वृक्षात् पत्राणि पतन्ति।
(ii) सीता रामेण सह वनं गच्छति।
प्रश्न 21: निम्नांकित शब्दसूचीतः चतुर्णाम् शब्दानां वाक्यप्रयोगं कुरूत-
(निम्नांकित शब्दों में से किन्हीं चार का वाक्य प्रयोग कीजिए।)
(क) अहम्
अध्यापकः
(ख) सा
(ग) पठिष्यति
अथवा
(घ) गच्छसि
(घ) ते
(क) अहम्:
अहम् पठामि।
(ख) सा:
सा गृहे अस्ति।
(ग) पठिष्यति:
बालकः पुस्तकं पठिष्यति।
(घ) गच्छसि:
त्वं गच्छसि।
(ङ) ते:
ते बालकाः उद्याने क्रीडन्ति।
प्रश्न 22: अधोलिखितेभ्यः वाक्येभ्यः द्वयोः संस्कृतानुवादं कुरुत। (निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो का संस्कृत में अनुवाद कीजिए।)
(क) मैं खेलता हूँ।
(ख) छात्र विद्यालय जाते हैं।
(ग) हिन्दी हमारी राजभाषा है।
वाक्य का संस्कृत में अनुवाद
(क) मैं खेलता हूँ।
अहम् क्रीडामि।
(ख) छात्र विद्यालय जाते हैं।
छात्राः विद्यालयं गच्छन्ति।
(ग) हिन्दी हमारी राजभाषा है।
हिन्दी अस्माकं राजभाषा अस्ति।
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